
खेलो इंडिया का शुभारंभ 30 जनवरी को होना है। इस आयोजन के दौरान कुल 27 खेल खेले जाएंगे। इनमें से सिर्फ एक मैच की मेजबानी दिल्ली करेगी।
खेलो इंडिया 30 जनवरी से पूरे मध्य प्रदेश के आठ शहरों में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन की पूरी तैयारी कर ली गई है। भारत सरकार ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उनमें से एक खेलो इंडिया यूथ गेम्स है। 11 फरवरी तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल कुल मिलाकर 10000 से ज्यादा एथलीट इसमें हिस्सा लेंगे। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की पहली एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने इस अवसर पर अपने विचार रखे।
क्या कहा अंजू बॉबी जॉर्ज ने।
अंजू बॉबी जॉर्ज की राय में खेलो इंडिया यूथ गेम्स, शौकिया एथलेटिक प्रतियोगिता और एलीट एथलेटिक प्रतियोगिता के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगा। मध्य प्रदेश के आठ शहर “खेलो इंडिया यूथ गेम्स” के आगामी सत्र की मेजबानी करेंगे। इस आयोजन में अब 30 जनवरी तक 27 खेल शामिल हैं। 2022 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता तीन दिनों तक चलेगी। तीन से पांच फरवरी तक भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में होगा। ये प्रतियोगिताएं भोपाल के अलावा इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, खरगोन (महेश्वर) और बालाघाट में होंगी।
प्रधानमंत्री ने जब यह काम किया तो उनके इरादे नेक थे।सरकार के मिशन ओलंपिक खेलों में अंजू, एक पूर्व लॉग जम्पर शामिल हैं। वह TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के लिए प्रतियोगियों को चुनने के प्रभारी हैं। उनका मानना है कि प्रतिभाओं के विकास के मामले में खेलो इंडिया कार्यक्रम एक नींव का काम करेगा। अंजू ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्रालय की नेक नीयत वाला एक विशेष प्रोजेक्ट है। नतीजे सामने आने शुरू हो गए हैं। हालाँकि, यह एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए हमें आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि 18 साल तक के छोटे बच्चों को इन खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। इससे पहले इस तरह के अवसर नहीं थे। सरकार खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए धन का योगदान करती है ताकि वे प्रतिस्पर्धा कर सकें। इसके अतिरिक्त उन्हें पॉकेट अलाउंस भी मिलता है।